हनुमान मंत्र साधना एवं सिद्धि फॉर सक्सेस
हनुमान जी की भक्ति कलियुग के लिए सबसे अच्छी और पर्याप्त मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है की कलयुग में हनुमान जी ज़िंदा हैं जो की एक बहुत ही दुर्लभ बात है, ज़्यादातर सब देवी-देवता इस घोर अंधकार भरे युग में धरती छोड़ देते हैं। पर हनुमान जी अपने भक्तों के लिए इस धरती पर अभी भी हैं, महाभारत से मणि नोचे जाने के बाद अश्वत्थामा भी धरती पर घूमता है, पर उसकी पूजा नहीं की जाती।
हनुमान जी श्री राम के अनन्य हैं, उन्होंने जो कुछ श्री राम के लिए किया और ज़्यादा ज़रूरी है की, जिस भाव और प्रेम पूर्वक निष्ठा के साथ किया, वह शायद ही कहीं और देखने को मिलती है। कहीं भी और किसी भी और आध्यात्मिक कथा में ऐसी भक्ति देखने को नहीं मिलती। ज़्यादातर सब लोग कहीं पर चूकते हैं, कहीं पर कोई गलती कर देते हैं, पर हनुमान जी ऐसा नहीं करते। हनुमान जी ने श्री राम के लिए बहुत से कठिन कार्यों को संपन्न किया है, बहुत सी मुश्किलों का सामना किया है और बहुत ही ज़्यादा सेवा भाव में लीन हुए, प्रेम में प्रभु की ओर खिंचे। हमेशा अपने कार्य में काबिलियत दिखाई और जाके क्षत्रुओं का नाश किया।
सबसे पहले तो यह समझना ज़रूरी है की हनुमान जी बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा में लीन थे, आपको उनकी पूजा के लिए इसी प्रकार की ऊर्जा का आवाहन करना होगा। आप ऐसा करें की शाम से ब्रह्मचर्य का पालन करें, और आराम से अच्छी नींद सो लें, फिर सवेरे ब्रह्मुहुर्त में उठ जाएं, यानी सवेरे ३:३० या ४ बजे। उसके बाद में आप बिना कुछ खाये पिए, कुल्ला-मंजन करें, नहाएं-धोएं और साफ़-सुथरे कपडे पहन लें। इस सब के बाद पूजा कक्ष में प्रवेश करें और हमारे द्वारा बताये गए प्रयोगों का इस्तेमाल शुरू करें।
पहला तरीक़ा है की आप एक मूंगे की माला लें और मंगलवार के दिन से शुरू कर के, रोज़ १०८ बार या फिर एक पूरी माला जपें, इसमें मन्त्र होगा – ॐ हुं हनुमते नमः। यह कार्य या तो ११ मंगलवार करें या फिर रोज़ एक मास तक करें तो आपका काम बन जायेगा। याद रहे की यह कार्य गोपनीय ढंग से करें, किसी को बताएं नहीं। एक और कारगर तरीक़ा है की आप अपने घर में मंगल ग्रह का यन्त्र खरीद लाएं, और उसे प्राणप्रतिष्ठित कराकर घर में स्थापित कर दें। यह करने से आपकी हनुमान साधना में कोई बाधा नहीं आएगी। और फल भी ज़्यादा आएगा क्यूंकि मंगल यन्त्र हनुमानजी की ऊर्जा को और बढ़ा देता है और केंद्रित कर देता है।
अगला उपाय है की आप सवेरे प्रातः काल उठ जाएं और नहा-धो लें, इसके पश्चात् साफ़ कपडे पहन मंदिर में जाएं चाहे घर के अंदर वाले या फिर घर के बहार किसी, वहां पर हनुमान भगवन को धूप-दीप दिखाएं, प्रसाद चढ़ाएं, प्रसाद में बेसन के लड्डू या बूंदी सबसे अच्छी रहती है। और उसके बाद मंत्र जपें “ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा “ यह मंत्र जपने पर कोई पाबन्दी नहीं है, आप जितनी देर चाहें जप लें और फिर उसके बाद में मंदिर में थोड़ा प्रसाद बाँट कर घर में अपनी दिनचर्या बिताएं।
हनुमान भगवन की साधना को अगर आप और भी केंद्रित और कारगर करना चाहते हैं तो ऐसा करें की तामसिक भोजन पूरी तरह से त्याग दें। इसमें कोई संदेह नहीं की अगर आप नमक को भी छोड़ सकें तो उसे छोड़ मंगलवार का व्रत रख लें। यह याद हमेशा रखें की सात्त्विक प्रवृत्ति बनी रहे और इसी लिए आप कभी भी क्रोधित नहीं हों और शांत स्वभाव और वातावरण बनाये रहे।
तुलसीदास कृत रामायण पढ़ें तो हनुमान जी अत्यंत प्रसन्न हो जाएंगे, उन्हें श्री तुलसीदास कृत श्री रामचरितमानस बहुत प्रिय है। वे अगर आपको रोज़ एक ही समय रामचरितमानस पढ़ते हुए पाएंगे तो वे आपसे ज़रूर ही प्रसन्न हो उठेंगे और आपकी साधना पूर्ण कर देंगे। इसमें कोई भी संदेह मत रखियेगा, केवल समय का ध्यान रखें, अगर शाम को पढ़ते हैं, तो रोज़ शाम को ही पढ़ें अगर सवेरे पढ़ते हैं तो सवेरे ही पढ़ें।
अगला प्रचलित एवं असरदार तरीक़ा है की आप रोज़ के रोज़ हनुमान चालीसा का पाठ करो, तब तक करो जब तक आपको हनुमान चालीसा कंठस्थ नहीं हो जाती, यानि ज़बानी याद नहीं हो जाती। यह करने पर कहा जाता है की नवग्रहों का प्रकोप भी ऊपर से उतरने लगता है। हनुमान चालीसा इतनी शक्तिशाली है, यह भी तुलसीदास द्वारा लिखी गयी है और अवधि भाषा में है जो हिंदी ही है।
अगर आप तांत्रिक साधना चाहते हैं तो हमारे द्वारा बताई सबसे पहली साधना करें या फिर ये करें – शुक्ल पक्ष के मंगलवार को हनुमान जी की मूर्ति को एक लाल कपडे से ढकी चौकी या ऊँचे स्थान पर रख दें, इसके बाद में आराधना करते हुए दीप जलाएं और बीज मंत्र का प्रयोग करें जो है “ ऊँ हुँ हुँ हनुमतये फट् “ यह मंत्र पिछले तांत्रिक मंत्र की तरह मूंगे की माला ओर १०८ बार या फिर माला का एक फेरा करें। ऐसा ४० दिनों तक करते रहे तो चमत्कारी साधना में आप सफल होंगे।
यह मन्त्र अगर ध्यान पूर्वक और निष्ठा और आस्था पूर्वक ढंग से जपा जाये तो आपको और कोई हनुमान सिद्धि के लिए नहीं भटकना पड़ेगा। आप बस इस मंत्र और शुरुआत में बताये पहले मंत्र का सही तरीकों से इस्तेमाल करें तो आपको मनचाहा वरदान, संतुष्टि, मन की शांति और वैराग्य प्राप्त होगा। अगर आपसे इन सब तरीकों में कन्फूशन हो रही है तो आप बस हनुमान चालीसा का रोज़ पाठ करें जब तक आपको कंठस्त नहीं जाती, आप पाएंगे की आपका काम इस सरल, सहज और सुलझे से उपाय से ही हो जायेगा।
इस तरह हमने आपके समक्ष बहुत से प्रयोग और नुस्खे रख दिए हैं, इनमें से कौन से तरीके आपके लिए सबसे अच्छे रहेंगे यह आपके ऊपर है। अगर आपको कोई भी संदेह हो या फिर आप अपनी संधाना को और भी गंभीरता से लेते हैं तो फिर आप किसी तांत्रिक से हनुमान बीज मन्त्र की दीक्षा ले लें। यह करने से आप अपनी साधना को पूरी तरह से सुरक्षित और कारगर बना लेंगे।