तांत्रिक क्रियाओं द्वारा वशीकरण

तांत्रिक क्रियाओं द्वारा वशीकरण

तांत्रिक क्रियाओं द्वारा वशीकरण

गोपनीय तांत्रिक प्रयोग , गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग, तांत्रिक मंत्र साधना – वशीकरण के अंतर्गत इंसान किसी दूसरे व्यक्ति को अपने वश मे करने की इक्छा रखता है, ताकि उसको अपनी मर्जी के हिसाब से चलाया जा सके व अपने स्वार्थ की पूर्ति की जा सके। वशीकरण के लिए लोग न सिर्फ तंत्र-मंत्र का सहारा लेते है, बल्कि तांत्रिक क्रियाओ व जादू-टोटके का इस्तेमाल भी करते है, जिनहे बड़ा कारगर माना जाता है। हालाकि बहुत से लोग जादू-टोटके की माया से दूर ही रहना पसंद करते है, जिनहे इनसे दर लगता है, या कुछ बुरा होने की मंसा हर वक़्त सताते रहती है।

तांत्रिक क्रियाओं द्वारा वशीकरण
तांत्रिक क्रियाओं द्वारा वशीकरण

लेकिन हम आज आपको वशीकरण करने की कुछ तांत्रिक क्रियाओ के बारे मे बताते है। कई बार ऐसा देखा गया है कि व्यक्ति के जीवन मे व उसके घर मे हर चीज़ अचानक बदलने लगती है। घर की शांति व खुशी पर मानो किसिकी नज़र लग गई हो, हर दिन कलेश होने लगते है, छोटी-छोटी बातों पर घर मे लोग लड़ते रहते है। ऐसे हालात आने पर अक्सर इंसान एक बार तो जरूर ये सोचता है की शायद उसके घर पर किसीकी बुरी नज़र लग गई है। तो हम आपको बता दे की कुछ लोग जलन की भावना रखते हुए आपके खिलाफ तांत्रिक की उच्चाटन क्रिया का इस्तेमाल करके आपके घर को नष्ट करने की कोशिश करते है। इस उच्चाटन तांत्रिक क्रिया को करने के लिए एक अंडे पर उस व्यक्ति का नाम लिख दिया जाता है, फिर उसे एक ऐसी दीवार पर मारकर फोड़ दिया जाता है, जिस दीवार पर खिड़की और दरवाजा नहीं होता। अंडे को फोड़ने से पहले वो व्यक्ति ये कामना करता है कि  किस प्रकार ये दीवार बंद है उसी प्रकार अमुक व्यक्ति के सारे रास्ते बंद हो जाये और वो भी अंडे की भाति एक दिन फुट जाये। इस प्रकार अंडे के प्रयोग से उच्चाटन तांत्रिक क्रिया को इस्तेमाल मे लाया जाता है।

इसके अलावा अगर आपको कोई व्यक्ति बिना कारण ही परेशान कर रहा है तो आप भोजपत्र के टुकड़े पर लाल रंग के चन्दन से उस व्यक्ति का नाम लिखकर उसे एक शहद की डिब्बी मे डालकर रख दे। इस प्रक्रिया द्वारा आप अपने उस शत्रु पर वशीकरण कर सकते है। साथ ही कुछ तांत्रिक प्रयोग तो काफी गोपनीय भी होते है। जिसमे से एक तांत्रिक प्रयोग मे पत्थर का इस्तेमाल भी किया जाता है, जिसे आम तौर पर हम गोमती चक्र के नाम से भी जानते है। दिखने मे आम पर असर काफी खास करता है, क्यूकी ये पत्थर गोमती नदी से मिलता है तो इसका नाम भी गोमती पत्थर हो चुका है। यदि  पति-पत्नी के बीच लड़ाई-झगड़े चल रहे हो, अशांति बनी रहती है तो उनके बीच शांति बनाने के लिए तीन गोमती चक्र को घर के दक्षिण दिशा मे “हलूं बलजाद” कहकर फेक देना चाहिए। इसका असर आपको जल्द देखने को मिल जाता है। इसी तरह अगर संतान नहीं हो रही तो 5 गोमती चक्र को लेकर नदी या तालाब में “हिलि हिलि मिलि मिलि चिलि चिलि हुक” को 5 बार बोलकर विसर्जित कर दे। इससे पुत्र प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ जाएगी।

इसी प्रकार अगर कोई अन्य समस्या है जैसे की शत्रु परेशान कर रहे हो तो जितने अक्षर का शत्रु का नाम है, आप उतने ही गोमती  पत्थर ले ले, फिर उस पर शत्रु का नाम लिख दे और फिर उन पत्थरों को जमीन में गाड़ दें। इस प्रकार आप अपने शत्रु का नाश कर पाएंगे। कई बार हमे ये भी आशंका होती है की जैसे मानो कोई हमरे खिलाफ किसी प्रकार का षड़यंत्र रच रहा है। ऐसे मे इस प्रकार के किसी भी षड़यंत्र को विफल करने के लिए आप एक तांत्रिक मंत्र साधना का प्रयोग भी कर सकते है। इस साधना के अंतर्गत आपको इस मंत्र का जप करना है:  “हूं ह्रौं हूं ह्रीं हूं फट् अमुक हूं ह्रौं हूं ह्रीं हूं फट्”। शनिवार के दिन रात 8 बजे के बाद शिव मंदिर में जाकर, हनुमानी सिंदूर में उपले की राख मिला ले, फिर इसे पानी में घोट कर स्याही बना ले। अब शिवलिंग के सामने एक कागज़ के ऊपर इस श्याही से एवं अनार की कलम से ऊपर बताए मंत्र को लिख ले। फिर मंत्र का 3 माला जाप भी करे।

हम आपको जरूरी बात ये भी साथ मे बता दे की अगर आपके पास पारद लिंग है तो पूरी प्रक्रिया अपने घर पर ही कर सकते है, वरना कागज़ पर मंत्र लिखे जाने वाला हिस्सा तो शिवलिंग के सामने ही करना होता है। शनिवार, रविवार व मंगलवार को इसे करे, पर कागज़ पर मंत्र सिर्फ शनिवार के दिन ही लिखे।
आखिरी दिन मंगलवार को जाप करने के बाद, आप कागज को किसी सुनसान जगह एक गड्डे मे गाड़ कर आ जाये। पूरी साधना करने के दौरान आपको बस अमुक की जगह अपने शत्रु का नाम लिखना होता है। इस तरह आप देखेंगे की इस तांत्रिक साधना को करने के बाद आप अपने शत्रु से छुटकारा पा सकते है।

वैसे इंसान के जीवन मे समस्याए हर दिन ही आती-जाती रहती है, पर फिर भी किसी मोड पर लगे की कोई आपको जानबूझकर परेशान कर रहा है तो यकीनन आप ऊपर बताए गए कुछ तांत्रिक साधना व मंत्रो के प्रयोग से इन समस्यायों से छुटकारा पा सकते है। लेकिन हर साधना व क्रिया के पीछे आपकी मंसा एक दम साफ होनी चाहिए, जो किसी का अहित न करती हो।

 

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