शूकर-दन्त वशीकरण मन्त्र

शूकर-दन्त वशीकरण मन्त्र

शूकर-दन्त वशीकरण मन्त्र

शूकर दन्त प्रयोग, शुक्र दन्त सिद्धि मंत्र , शूकर-दन्त वशीकरण विधि- शूकर दन्त यानि सूअर का दांत, जिसका इस्तेमाल वशीकरण से लेकर जादू-टोटके व तंत्र-मंत्र साधना मे भी किया जाता है। शायद इसके प्रयोग के बारे मे आपको ज्यादा न पता हो, तो आज हम आपको इसके प्रयोग व मंत्र साधना के बारे मे बताएँगे कि आखिर कैसे शूकर दन्त भी आपके लिए काफी मददगार हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने धरती को बचाने के लिए बारह अवतार लेकर पाताल मे से धरती को अपने दांतो से उठाया था और फिर उसी समय से शूकर दत्त का प्रयोग तंत्र-मंत्र विद्या साधना और वशीकरण में किया जा सकता है। वैसे ये थोड़ा अजीब लगता है कि जिस पशु को आम तौर पर इंसान पसंद नहीं करता उसी के दांत का इतना महत्व है।

शूकर-दन्त वशीकरण मन्त्र
शूकर-दन्त वशीकरण मन्त्र

जैसे की हर इंसान के जीवन और घरों मे एक नहीं अनेक समस्याए होती है, जिसके चलते काफी परेशानी होती है। हम सभी उन परेशानियों को दूर करने के लिए अलग-अलग उपाय करते है। उनही उपाय मे से शूकर दन्त भी एक अच्छा विकल्प बनकर सामने आता है। चाहे समस्या किसी शत्रु से हो या किसी रोग से आप इसका इस्तेमाल कर सकते है।

ऐसा माना गया है कि मंत्र के द्वारा सिद्ध हो चुके सूअर के दांत को अगर व्यक्ति के पुराने कपडे में लपे दिया जाये और फिर उसे बहते पानी में डाल दिया जाये तो, उससे भूत-प्रेत की समस्या दूर हो जाती है। अगर आप गरुड़ वृक्ष की 1 इंच लकड़ी को 1 बराबर हिस्सों में काट दे, फिर उसे एक सूअर के दांत के साथ घर के चारो अलग-अलग जगह मे जमीन में गाढ़ दे। ऐसा करने से आपके घर मे भूत-प्रेत का साया खतम हो जाएगा।

अब हम आपको उस साधना विधि के बारे मे बताते है जिसमे शूकर-दंत का इस्तेमाल होता है और इस विशेष मंत्र भी है इस साधना को पूर्ण करने के लिए। मंत्र: “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नृम ठं ठं नमो देव पुत्री स्वर्ग निवासिनी,सर्व नर नारी मुख वार्ताली,वार्ता कथय,सप्त समुद्रान दर्शय दर्शय,ॐ  ह्रीं श्रीं क्लीं नृम ठं ठं फट स्वाहा:”। शुक्रवार के दिन साधना को शुरू करे। विधि को करने के लिए सबसे पहले शूकर दंत को आप अपने आसन के नीचे रखे दे। साथ में सेई का काटा भी रखिये। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके साधना करे। ध्यान रहे की आपका आसन लाल रंग का होना चाहिए व मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष या लाल हकीक की माला का इस्तेमाल करे। यहां सिर्फ आसान ही नहीं बल्कि आपका वस्त्र, परिधान भी लाल रंग का ही हो, फिर अपने सामने सामने  तेल का दीपक जला ले व उसमे कोई सुगन्धित इत्र डाल ले। साथ मे आप धूप भी जला सकते है। बताए गए मंत्र का रोज आपको 21 माला जप करना होगा। इस साधना को करके आप अपनी इच्छा पूर्ण कर सकते है।

एक अन्य मंत्र है: “ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं वाराह-दन्ताय भैरवाय नमः।” इस मंत्र से जुड़ी खास बात ये है की आप इसे होली,  दीपावली या दशहरा त्योहार मे ही करें, जिससे विशेष लाभ होता है। मंत्र का आपको 108 बार जप करना होता है। मंत्र के माध्यम से इसे सिद्ध करने के बाद आप इसका ताबीज बनाकर गले में पहन सकते है। ताबीज पहनने के बाद आपको किसी भी प्रकार के जादू-टोने व भूत-प्रेत के प्रभाव से छुटकारा मिल जाता है। आप किसिकों अपने वश मे भी कर सकते है। ताबीज़ को पहनने आपको और भी लाभ मिलते है, जैसे कि कोई व्यक्ति काफी समय से किसी मुकदमे-बाजी मे फंसा है जिसकी वजह से उसे बार-बार अदालत के चक्कर लगाने पड़ रहे है और काफी परेशानी आ रही है तो इस ताबीज़ को पहनने से कोर्ट कचहरी के मामले मे आपको सफलता मिलेगी।

शूकर-दंत के ताबीज़ को पहनने से व्यक्ति को अपने सभी शत्रुयों से भी मुक्ति मिल जाती है और खुद पर खुद सारी परेशानी नष्ट हो जाती है। ये ताबीज़ व्यक्ति के स्वप्नदोष को दूर करने के साथ उसके अन्य रोगों को भी खतम करता है। इन सबके अलावा अगर किसी व्यक्ति के जीवन मे प्रेम से संबंधित समस्या चल रही है तो भी वो व्यक्ति मंत्र द्वारा शूकर-दंत को सिद्ध करके पहन ले तो उसे अपने प्रेम संबंधों में आने वाली सभी परेशानी दूर हो जाती है और व्यक्ति को सफलता मिलती है। उसके शीघ्र विवाह होने के आसार भी बनाने लगते है। कई लोग ऐसे भी है जिनहे अपने व्यपार को ऊचे स्तर तक ले जाना है, पर तमाम कोशिशों के बाद भी सफल नहीं हो पा रहे तो वो लोग शूकर-दंत को अपने व्यापार स्थल या कार्यस्थल के बाहर लगा सकते है।

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर कहां से सूअर के दांत मिलता है, तो इसे आप किसी भी कसाई की दुकान से जाकर ले सकते है। एक बार अगर आप इसे सिद्ध कर लेते है तो फिर इसके फायदे को देख सकते है और अपनी तमाम परेशानियों से निजात पा सकते है। इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि शूकर-दंत की तंत्र-मंत्र साधना काफी आसान है जिसे आप आराम से कर सकते है और इसके फायदा पा सकते है।

 

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