दीपावली वशीकरण तंत्र मंत्र सिद्धि प्रयोग टोटके

दीपावली वशीकरण तंत्र मंत्र सिद्धि प्रयोग टोटके

दीपावली वशीकरण तंत्र मंत्र सिद्धि प्रयोग टोटके

“ दीपावली “ ..इस त्योहार से शायद कोई भी हिन्दु अनजान नहीं है | उत्साह और रोशनी का यह त्यौहार एक स्वयंसिद्ध और सर्वमान्य मुहूर्त है | तंत्र मंत्र साधना के लिए तो दीपावली की रात एक कुबेर का खजाना सिद्ध होती है | दीपावली पर तंत्र प्रयोग कर साधक कई तरह की सिद्धि को प्राप्त करता है |  इन सिद्धि को प्राप्त कर साधक अपने मनवांछित कार्यो को पूरा करने में सक्षम हो सकता है | इस रात को किए गए किसी भी तंत्र साधना का फल अन्य किसी भी रात से अधिक मिलता है | इस लिए साधक ज्यादा बढ़ चढ़कर इस क्रिया को सम्पन्न  करना चाहते हैं | तो चलिए, आप भी जानें इस रात को किए जाने वाले दीपावली पर तंत्र प्रयोग |

दीपावली वशीकरण तंत्र मंत्र सिद्धि प्रयोग टोटके
दीपावली वशीकरण तंत्र मंत्र सिद्धि प्रयोग टोटके

दीपावली पर तंत्र प्रयोग

१)  लक्ष्मी पूजन के वक्त कुछ पुराने सिक्के ले चांदी के | इन्हें अन्य सिक्कों और कौड़ियों के साथ पूजन में रखकर हल्दी और केसर से पूजा करे | फिर इन्हें अपने गल्ले या तिजोरी पर रख दें | कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी |

२) धनतेरस/दीपावली वाले दिन प्रातः काल जल्दी स्नान कर लक्ष्मी जी के मंदिर में जाएं | उन्हें कमल फूल और सफेद रंग की मिठाई अर्पित करें |

३) इस दिन शुद्धता के साथ पूजा के वक्त पीले रंग के वस्त्र धारण कर उत्तर दिशा की ओर मुंह कर बैठ जाए किसी आसन पर | अपने सामने रखे महा लक्ष्मी यंत्र/ श्री कनकधारा यंत्र/ कुबेर यंत्र/ श्री मंगल यंत्र/ श्री यंत्र | अब विधि विधान से इनकी पूजा करें |  दूसरे दिन उन्हें अपने पूजा स्थल पर स्थापित कर दें और प्रतिदिन धूप-दीप से उनकी पूजा करें | कभी भी धन की कमी नहीं पास आएगी |

४) श्रीफल (नारियल) छोटे आकार का लेकर दीपावली वाले दिन उसकी पूजा करे विधि-विधान से | अब इसे एक लाल रंग के कपड़े में बांधकर किसी की नजर ना पड़े ऐसी जगह पर रख दीजिए | मां लक्ष्मी आप पर अति प्रसन्न होगी |

५) दीपावली वाले दिन मोती शंख या दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें रात में लक्ष्मी पूजन के वक्त |  दूसरे दिन उन्हें अपनी तिजोरी में रख दें | यह टोटका धन वृद्धि के साथ साथ परिवार वालों के मध्य में प्रेम की वृद्धी करता है |

६) एक दीपक जलाएं तेल का दिवाली वाले दिन पीपल के पेड़ के नीचे | लौटते वक्त पीछे ना देखे | इस प्रयोग को एक वर्ष तक नियमित करे हर शनिवार को | धन की प्राप्ति होगी |

७) ग्यारह गूंजा ले सफेद रंग की लक्ष्मी पूजन के वक्त दिवाली वाली रात को | इनकी पूजा करें | अगले दिन है स्नानोपरान्त  इन्हें अपने गल्ले में रख दें | अटूट धन की प्राप्ति होगी |

८) अक्षत एक चुटकी बिना टूटे हुए और पांच कौड़ियां  एक सफेद रंग के कपड़े में बांधकर रखे लक्ष्मी पूजन में दीपावली वाले दिन रात को और इसकी पूजा करें | दूसरे दिन शुद्ध होकर अपने गल्ले में रखे |

दीपावली पर मंत्र साधना

१) दीपावली वाली रात मंत्र सिद्धि के क्षेत्र में विशेष महत्वपूर्ण है | कमलगट्टे द्वारा बनाई गई माला से नीचे दिए गए मंत्रों में से किसी भी मंत्र का ग्यारह अथवा इक्कीस हजार बार जप और जप का दशांश हवन करें | इसके उपरांत भोजन कराएं बाल कन्याओं को | इससे मंत्र सिद्ध हो जाएगा | मंत्र है —

  • “ओम् ह्नीं श्रीं घण्टाकर्णी नमोस्तुते ठ: ठ: ठ: स्वाहा |” ( प्रतिदिन ११ माला )
  • “ओम् श्री ह्नीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः |” ( ११ माला )
  • “ह्नीं महालक्ष्मी ह्नीं “ ( ५ माला )

२) कुबेर यंत्र /श्री यंत्र / बीसा यंत्र का पूजन करें पंचामृत से स्नान कराने के उपरांत | अब दिए गए मंत्र द्वारा इक्कीस हजार या सवा लाख बार जाप कर इसे सिद्ध कर ले दीपावली की रात को | मंत्र है -” ओम् नमो विघ्न राजाया सर्व सौख्य प्रदायिने, दुष्टारिष्ट  विनाशाय पराय परमात्मने | लंबोदरं महावीर्यम् नागयज्ञोप शोभितम् | अर्धचंद्र धरं देवं विघ्न व्यूह विनाशम | ओम् ह्नां ह्नीं ह्नैं ह्नौं ह्नं हेरम्बाय नमोनम: | सर्वसिद्धि प्रदोसि त्वं सिद्धि-बुद्धि प्रदेभव: | चिंतितार्थ प्रवस्वहिसततं मोदक प्रिय: | सिंदूरारुणवरभ्रैश्च पूजितो द्वारा वरदायकम् | इह  गणपति स्त्रोतम च पठेत भक्ति भाव नर: | तस्यदेहं च गेहं स्वयं लक्ष्मीर्न मूच्चती |” अब इस मंत्र का जाप करें एक माला का प्रतिदिन | स्वास्थ्य, सुयश और धन की प्राप्ति निश्चित है |

दीपावली वशीकरण तंत्र मंत्र सिद्धि

१) आइए अब हम जानकारी लेते हैं दीपावली पर वशीकरण / टोटके की | इस दिन किए जाने वाले वशीकरण प्रयोग के लिए आप सबसे पहले ले एक नीला आसन,  एक गज नीला कपड़ा, एक चौमुखी दीपक,  मिट्टी की एक कड़वी, एक आसन, रूई की चार बत्ती, इलाइची ( छोटी ) के दाने, चार छोटे छुहारे, एक नीले रंग का रुमाल, चार लौंग, दियासलाई, सरसों का तेल गुलाब का इत्र की शीशी( छोटी ), गुलाब- फूल, लड्डू के टुकड़े, गेरू का टुकड़ा आदि |

सबसे पहले पूरब की ओर अपना मुंह कर एक नीले रंग के आसन पर बैठ जाएं | आप भी वस्त्र पहने नीले रंग का | अब दीपक में सरसों तेल डालकर उसे जला लें | उसके बाद नीले रंग के कपड़े को बिछा दे और इसके चारों कोने पर लड्डू के टुकड़े, एक-एक लौंग, छुहारा और इलायची के दाने बाँधे | इसके बाद पानी  से भरे मिट्टी के पात्र में इत्र और गुलाब की पंखुड़ियों को जाल दें | अब अपने चारों तरफ लोहे की कांटी से एक घेरा या लकीर खींच ले और  दिए गए मंत्र का जाप करें | मंत्र है–” ॐ अनुरागिनी मैथन प्रिये स्वाहा, शुक्लपक्षे जपे धावन्ताव दृश्यते जपेत् “ ..४० दिनों तक लगातार इस क्रिया को दोहराएं | कुल मिलाकर मंत्र का पाठ करना चाहिए सवा लाख बार | हर दिन मंत्र पाठ करने के बाद नदी में अपनी परछाई को देखें और प्रतिदिन नई सामग्री का प्रयोग करें | ४० दिन होने के बाद सारी सामग्री को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें

२) ऊपर दिए गए मंत्र को किसी नगाड़े पर लिख ले  लाल रंग की स्याही से | अब उसको बजाने से आपके सारे कार्य बिना किसी बाधा के सम्पन्न हो जाएगें |

 

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